दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के मसले पर राहुल गांधी ने जब दिल्ली के कांग्रेस नेताओं से बात की तो उसमें पार्टी के अंदर मतभेद भी उभर कर आए। जहां एक तरफ दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित का कहना था कि राज्य मे पार्टी की हालत बेहतर हुई है, वहीं वरिष्ठ नेता अजय माकन ने खुलकर कहा कि कांग्रेस को आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि माकन पहले आप के साथ किसी भी तरह के गठबंधन के कड़े विरोधी रहे हैं और इसके खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोला था लेकिन इस बैठक में उन्होंने अलग राय रखी।
माकन का कहना था कि आज के हालात में अलग-अलग चुनाव लड़ने का मतलब होगा कि दिल्ली की सातों सीटें बीजेपी को तोहफे में दे देना। पार्टी में मौजूद सूत्रों ने बताया कि माकन ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी के खिलाफ मैंने अकेले जितने विरोध प्रदर्शन किए हैं और मोर्चे निकाले हैं, उतने इस मीटिंग में किसी ने नहीं किए होंगे।’
बताया जाता है कि राहुल गांधी के साथ मीटिंग में शीला दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस दिल्ली में पहले से बेहतर कर रही है, इस पर अजय माकन ने शीला से पूछा कि अगर ऐसा है तो क्या पूर्वी दिल्ली से सांसद रहे उनके बेटे संदीप दीक्षित इस बार भी इस सीट से चुनाव लड़ेंगे? तो इस पर शीला दीक्षित का कहना था कि यह मैं कैसे कह सकती हूं। सूत्रों के मुताबिक इस पर अजय माकन का कहना था, आप कह रही हैं अलायंस न हो, संदीप भी दिल्ली से नहीं लड़ रहे, तो हमें क्यों तिकोनी लड़ाई में फंसाया जाए। उनका तर्क था कि हम दिल्ली में चुनाव लड़ रहे हैं तो जीतने के इरादे के साथ लड़ें, दूसरे नंबर की लड़ाई लड़ने का कोई फायदा नहीं है। दोनों पार्टियों के अलग लड़ने से बीजेपी विरोधी वोटों का बंटवारा होगा और सातों जीत बीजेपी को मिलेंगे। बताया जाता है कि कांग्रेस के दिल्ली पर्यवेक्षक पीसी चाको ने भी अजय माकन के इस रुख से सहमति रखी।
मीटिंग में दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और पूर्व सांसद जे पी अग्रवाल का कहना था कि गठबंधन नहीं होना चाहिए, इसके बाद कांग्रेस की स्थिति खराब हो जाएगी, जबकि अभी बेहतर स्थिति में है। मजबूती के साथ चुनाव में जाना चाहिए ओर बीजेपी के साथ केजरीवाल की भी असफलता को जनता के सामने लाना चाहिए। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने बैठक में कहा कि दिल्ली यूनिट अपने दम पर चुनाव लड़ने में सक्षम हैं तो फिर हम आम आदमी पार्टी जो डूबने की स्थिति में है उसे ऑक्सीजन क्यूं दें। उन्होंने कहा कि मुझे केजरीवाल पर भरोसा नहीं है और आज उनकी पार्टी पूरे देश में कहीं नहीं है। वर्किंग प्रेजिडेंट हारून यूसुफ ने कहा कि हर कांग्रेस कार्यकर्ता चाहता है कि आप के साथ गठबंधन नहीं हो, आप के सिलेंडर का ऑक्सीजन खत्म हो गया है, अगर हमने गठबंधन कर लिया तो कांग्रेस अगले 20 साल तक दिल्ली में वापस नहीं आ पाएगी।
वर्किंग प्रेजिडेंट राजेश लिलोथिया ने कहा कि मेरी राय भी बाकी लोगों की तरह अकेले चुनाव लड़ने की थी। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी के दिग्गज फायरफाइटर नेता अभी इस मामले में नहीं आए हैं, जिनके आने के बाद इस मामले में और बातें हो सकती हैं। साथ ही कांग्रेस की गठजोड़ के मसले पर बनी ऐंटनी कमिटी के साथ भी दिल्ली कांग्रेस के नेताओं की बैठक हो सकती है। माना जा रहा है कि अभी दरवाजे बंद नहीं हैं।